₹0.00

No products in the cart.

आपके द्वार पर सत्यापित पंडित

contact@vedic.com

9414222450

₹0.00

No products in the cart.

रहस्यमयी शिव मंदिर बिजली महादेव,शिवरात्रि पर लगती है भीड़

More articles


रहस्यमयी शिव मंदिर बिजली महादेव,शिवरात्रि पर लगती है भीड़

🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🚩🚩🚩🚩


 भारत देश अनोखे और रहस्यों से भरी जगहों से भरा पड़ा है। इन अद्भुत और चमत्कारी जगहों की फेहरिस्त इतनी लंबी है कि हर जगहों को एक्सपलोर करना आसान नहीं है। ऐसा ही एक अद्भुत और चमत्कारी मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में है, जहां हर 12 साल में एक बार मंदिर पर बिजली गिरती है, लेकिन मंदिर को कुछ नहीं होता है। इस मंदिर का नाम ‘बिजली महादेव मंदिर’ है, जो ब्यास और पार्वती नदी के संगम के करीब पहाड़ पर बना हुआ है। खास बात तो यह कि जब यहां 12 साल में बिजली गिरती है, तो किसी भी तरह की क्षति नहीं होती है। बिजली के आघात से किसी की मृत्यु तक नहीं होती है, लेकिन बिजली सिर्फ शिवलिंग पर गिरती है, जिस वजह से वो टूट जाता है।

स्थानीय लोगों के अनुसार, पीठासीन देवता क्षेत्र के निवासियों को किसी भी बुराई से बचाना चाहते हैं, जिस वजह से बिजली शिवलिंग से टकरा जाती है। कुछ लोगों का मानना है कि बिजली एक दिव्य आशीर्वाद है जिसमें विशेष शक्तियां होती हैं। यह भी माना जाता है कि देवता स्थानीय लोगों का भी बचाव करते हैं।ये है मान्‍यता… पूरी कुल्लू घाटी में ऐसी मान्यता है कि यह घाटी एक विशालकाय सांप का रूप है। इस सांप का वध भगवान शिव ने किया था। जिस स्थान पर मंदिर है वहां शिवलिंग पर हर बारह साल में भयंकर आकाशीय बिजली गिरती है। बिजली गिरने से मंदिर का शिवलिंग खंडित हो जाता है। यहां के पुजारी खंडित शिवलिंग के टुकड़े एकत्रित कर मक्खन के साथ इसे जोड़ देते हैं। कुछ ही माह बाद शिवलिंग एक ठोस रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। इस शिवलिंग पर हर बारह साल में बिजली क्यों गिरती है इसके पीछे भी एक इतिहास है।


🚩🚩🚩पौराणिक कथा🚩🚩🚩

ऐसा कहा जाता है कि एक बार कुल्लू की घाटी में कुलंत नाम का एक राक्षस रहता था। एक दिन, उसने एक विशाल सांप में अपना रूप बदल दिया और पूरे गांव में रेंगते हुए लाहौल-स्पीति के मथन गांव पहुंच गया। ऐसा करने के लिए, उन्होंने ब्यास नदी के प्रवाह को रोकने की कोशिश की, जिस वजह से गांव में बाढ़ आ गई थी।

भगवान शिव राक्षस को देख रहे थे, गुस्से में उन्होंने उसके साथ युद्ध करना शुरू कर दिया। शिव द्वारा राक्षस का वध करने के बाद और सांप को तुरंत मारने के बाद, वे एक विशाल पर्वत में बदल गया, जिससे इस शहर का नाम कुल्लू पड़ गया। बिजली गिराने को लेकर लोक मान्यता है कि भगवान शिव के आदेश से भगवान इंद्र हर 12 साल में बिजली गिराते हैं।

मंदिर कुल्लू से लगभग 20 किमी दूर स्थित है और यहां तक आप 3 किमी का ट्रैक करते हुए पहुंच सकते हैं। ये ट्रैक पर्यटकों के लिए काफी मजेदार है। तो आप भी यहां घूमने का प्लान बना सकते हो। और इस  जगह को एक्सप्लोर कर सकते है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest